जीवन बीमा क्लेम रिजेक्ट क्यों होता है? जानिए 7 आम कारण और बचाव के तरीके

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जीवन बीमा क्लेम रिजेक्ट क्यों होता है? जानिए 7 आम कारण और बचाव के तरीके

जीवन बीमा क्लेम रिजेक्ट क्यों होता है? जानिए 7 आम कारण और बचाव के तरीके


मृत्यु अटल है, लेकिन उसके बाद परिवार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
जीवन बीमा पॉलिसी का उद्देश्य ही होता है कि यदि जीवन में कोई अनहोनी हो जाए, तो आपके परिवार को आर्थिक परेशानी न हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार बीमा कंपनियां क्लेम को रिजेक्ट कर देती हैं? और ये रिजेक्शन ज़्यादातर कुछ आम गलतियों की वजह से होते हैं।

इस लेख में जानिए जीवन बीमा क्लेम रिजेक्ट होने के 7 आम कारण और कैसे आप इनसे बच सकते हैं।


1. गलत या झूठी जानकारी देना

बीमा उद्योग विश्वास और सही जानकारी पर चलता है। अगर आपने बीमा फॉर्म में कोई गलत या अधूरी जानकारी दी है — जैसे कि धूम्रपान/शराब की आदत, सही आय, वजन, ऊंचाई आदि — तो बाद में क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
सलाह: फॉर्म भरते समय पूरी ईमानदारी और सावधानी बरतें।


2. प्रीमियम का समय पर भुगतान न करना

अगर आपने समय पर प्रीमियम नहीं भरा और पॉलिसी लैप्स (अमान्य) हो गई, तो बीमा कंपनी क्लेम को खारिज कर सकती है।
सलाह: प्रीमियम की अंतिम तिथि से पहले भुगतान करें और रिमाइंडर पर ध्यान दें।


3. नामांकित व्यक्ति (Nominee) की जानकारी न देना या अपडेट न करना

अगर आपने बीमा लेते समय किसी को नॉमिनी नहीं बनाया या जानकारी अपडेट नहीं की, तो क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
सलाह: शादी, बच्चों का जन्म, माता-पिता के निधन जैसी परिस्थितियों में नॉमिनी की जानकारी अपडेट करते रहें।


4. Contestability Period के दौरान मृत्यु

बीमा कंपनियों के नियमों के अनुसार, पॉलिसी खरीदने के शुरुआती 1-2 साल को “Contestability Period” कहा जाता है। इस दौरान मृत्यु (खासतौर पर आत्महत्या या संदेहास्पद स्थिति) पर बीमा कंपनी जांच करती है और क्लेम रिजेक्ट कर सकती है।
सलाह: शुरुआती दो साल तक पॉलिसी की शर्तों को गंभीरता से लें।


5. बीमा में शामिल नहीं होने वाले कारणों से मृत्यु

कुछ मौतों को बीमा में कवर नहीं किया जाता — जैसे कि युद्ध, आतंकी हमला, खतरनाक खेल, नशे की हालत में दुर्घटना या पहले से मौजूद बीमारी से मौत।
सलाह: पॉलिसी खरीदने से पहले Exclusion List (अपवाद सूची) को अच्छी तरह पढ़ें।


6. क्लेम दर्ज करने में देरी करना

बीमा कंपनियां क्लेम दाखिल करने के लिए समय देती हैं। बहुत अधिक देरी होने पर कंपनियां क्लेम रिजेक्ट नहीं करतीं, लेकिन प्रक्रिया में देरी हो सकती है।
सलाह: बीमा धारक के निधन के तुरंत बाद सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ क्लेम फाइल करें।


7. चिकित्सकीय परीक्षण (Medical Test) न करवाना

बीमा कंपनियां जोखिम मूल्यांकन के लिए मेडिकल जांच करवाती हैं। कई लोग मेडिकल टेस्ट को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे भविष्य में पॉलिसी रिजेक्ट हो सकती है।
सलाह: पॉलिसी खरीदते समय मेडिकल टेस्ट जरूर करवाएं।


जीवन बीमा क्लेम रिजेक्ट होने से कैसे बचें?

इन बातों का पालन करें और क्लेम रिजेक्ट होने की चिंता छोड़ें:

✅ फॉर्म भरते समय सही और पूरी जानकारी दें
✅ समय पर प्रीमियम भरें
✅ नॉमिनी की जानकारी समय-समय पर अपडेट करते रहें
✅ मेडिकल टेस्ट को अनदेखा न करें
✅ पॉलिसी के नियम और अपवाद (Exclusions) समझकर ही खरीदें
✅ परिवार को क्लेम की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दें


निष्कर्ष (Conclusion)

जीवन बीमा आपके परिवार के लिए एक मजबूत आर्थिक सुरक्षा कवच हो सकता है — बशर्ते आप पॉलिसी लेते समय और उसके बाद सावधानी बरतें।
अगर आपने अभी तक जीवन बीमा नहीं लिया है, तो आज ही किसी अच्छी पॉलिसी में निवेश करें और अपने परिवार को भविष्य की अनिश्चितताओं से सुरक्षित करें।


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