अब अविवाहित और समलैंगिक कपल भी पा सकेंगे ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस का लाभ – जानिए नया नियम
अब तक केवल शादीशुदा पति-पत्नी ही एक-दूसरे को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कवर कर सकते थे। लेकिन अब एक बड़ा बदलाव आया है! इंश्योरेंस रेग्युलेटर IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) ने ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के दायरे को बढ़ा दिया है, जिसमें अब अविवाहित कपल और समलैंगिक (LGBTQ+) जोड़े भी शामिल किए जा सकते हैं।
नया क्या है?
IRDAI ने अप्रैल 2025 में बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में न केवल शादीशुदा जोड़ों को, बल्कि लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे पार्टनर्स और समलैंगिक जोड़ों को भी कवर करें, यदि एम्प्लॉयर या पॉलिसी धारक उन्हें नामित करता है।
किसे मिलेगा फायदा?
- लिव-इन पार्टनर्स: अब अगर कोई जोड़ा शादी के बिना साथ रह रहा है, तो एम्प्लॉयर की ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी में उन्हें 'spouse/partner' के रूप में शामिल किया जा सकता है।
- LGBTQ+ Couples: समलैंगिक पुरुष (gay) या महिलाएं (lesbian) भी अब अपने पार्टनर को हेल्थ पॉलिसी में जोड़ सकते हैं।
- सिंगल/अविवाहित लोग: अब उन्हें जीवनसाथी से जुड़े दस्तावेजों की बाध्यता नहीं रहेगी।
बीमा कंपनियों के लिए दिशानिर्देश
IRDAI के निर्देश के अनुसार:
- बीमा कंपनियां अब यह तय नहीं करेंगी कि 'परिवार' की परिभाषा केवल पारंपरिक शादीशुदा कपल तक सीमित हो।
- पॉलिसी लेने वाला (जैसे कि कोई कंपनी या संस्थान) अपने कर्मचारियों के पार्टनर्स को पॉलिसी में शामिल कर सकता है, चाहे वे शादीशुदा हों या नहीं।
यह बदलाव क्यों जरूरी था?
भारत में LGBTQ+ समुदाय को 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कानूनी मान्यता मिली, लेकिन स्वास्थ्य बीमा जैसे सेक्टर में इन्हें अब तक बराबरी नहीं मिली थी। यह फैसला समावेशीता (inclusivity) की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
दस्तावेज और प्रक्रिया
ग्रुप हेल्थ पॉलिसी में पार्टनर को जोड़ने के लिए आमतौर पर निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होती है:
- पहचान पत्र (Aadhar, PAN)
- एड्रेस प्रूफ
- पार्टनरशिप डिक्लेरेशन या एम्प्लॉयर के फॉर्म में पार्टनर का उल्लेख
(बीमा कंपनियों के अनुसार प्रक्रिया थोड़ा भिन्न हो सकती है।)
इससे क्या फर्क पड़ेगा?
पहलू | पहले | अब |
---|---|---|
पार्टनर कवरेज | केवल शादीशुदा जोड़े | लिव-इन और LGBTQ+ पार्टनर्स भी शामिल |
समानता | सीमित | ज्यादा समावेशी |
बीमा लाभ | सीमित वर्ग | अधिक लोगों को लाभ |
कौन-कौन सी कंपनियां लागू कर रही हैं?
कुछ अग्रणी कंपनियां जैसे TCS, Infosys, Accenture, Google, IBM पहले से ही LGBTQ+ पार्टनर्स को कवर कर रही थीं। अब बीमा कंपनियां जैसे कि:
- HDFC ERGO
- ICICI Lombard
- Star Health
- Niva Bupa
भी अपने ग्रुप हेल्थ पॉलिसी नियमों को अपडेट कर रही हैं।
अंतिम विचार
यह बदलाव भारत में सामाजिक स्वीकृति और समावेशीता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। अब LGBTQ+ और अविवाहित कपल्स को भी वह स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी जिसकी वे हकदार हैं।
"बीमा सिर्फ सुरक्षा नहीं, समान अधिकार की पहचान भी है!"
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