क्या भारत से क्रिप्टो कंपनियों का सफाया तय है? सरकार की असफल नीतियों से देश का डिजिटल भविष्य संकट में

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क्या भारत से क्रिप्टो कंपनियों का सफाया तय है? सरकार की असफल नीतियों से देश का डिजिटल भविष्य संकट में

क्या भारत से क्रिप्टो कंपनियों का सफाया तय है? सरकार की असफल नीतियों से देश का डिजिटल भविष्य संकट में


👉 लेटेस्ट अपडेट (मई 2025): भारत की शीर्ष क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX और CoinDCX ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि अगर सरकार की टैक्स और रेगुलेटरी नीतियों में सुधार नहीं हुआ, तो उन्हें भारत में संचालन बंद करने पर विचार करना पड़ेगा। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है – 30% टैक्स और 1% TDS, जिसने क्रिप्टो ट्रेडिंग को लगभग ठप कर दिया है।


🔥 भारत का क्रिप्टो और ब्लॉकचेन सफर: 3 सालों की मेहनत पर पानी

पिछले तीन वर्षों में भारत ने क्रिप्टो और ब्लॉकचेन तकनीक में जो ऐतिहासिक सफलता हासिल की है, वह पूरी तरह स्वदेशी प्रयासों से संभव हुआ। न कोई सरकारी मदद, न सरकारी निवेश – फिर भी भारतीय युवाओं ने:

  • खुद प्रोजेक्ट बनाए

  • खुद फंड जुटाए

  • और खुद ही ग्लोबल प्लेटफॉर्म तक पहुंचे

Polygon (Matic) जैसे प्रोजेक्ट, जिसे संदीप नेलवाल ने शुरू किया, आज ग्लोबल ब्लॉकचेन इंडस्ट्री में "Layer 2 Solutions" का अगुवा बन चुका है।


💼 क्रिप्टो ने दिए लाखों युवाओं को रोजगार

क्रिप्टो इंडस्ट्री केवल डेवलपर्स या कोडर्स तक सीमित नहीं रही। इसमें:

  • ट्रेडर्स

  • यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स

  • कंटेंट क्रिएटर्स

  • और डेफी स्टार्टअप्स

जैसे लाखों लोग शामिल हैं, जिन्होंने कोविड काल में भी रोजगार और आर्थिक मजबूती हासिल की।


❌ सरकार की नीतियों से उद्योग संकट में

  • सरकार ने 30% टैक्स + 1% TDS लागू कर दिया

  • न कोई स्पष्ट कानून, न रेगुलेटरी फ्रेमवर्क

  • वित्त मंत्री के बयानों से लगता है जैसे क्रिप्टो को अपराध से जोड़ा जा रहा हो

  • RBI ने पहले बैन किया, फिर कोर्ट में हार गया

  • अब टैक्स लगाकर धीरे-धीरे उद्योग को खत्म किया जा रहा है

👉 सरकार यह मानने को तैयार ही नहीं कि यह एक टेक्नोलॉजी है, न कि कोई अपराध का जरिया।


🤔 कौन बना रहा है क्रिप्टो कानून? किसी को नहीं पता!

सरकार ने एक कमेटी बनाई है लेकिन:

  • न उसका नाम सार्वजनिक

  • न सदस्य कौन हैं

  • और न ही उनके पास क्रिप्टो या ब्लॉकचेन का कोई अनुभव है

यह सवाल खड़ा करता है – क्या हम डिजिटल भारत की बात कर रहे हैं या डिजिटल गुलामी की ओर बढ़ रहे हैं?


🌐 क्या क्रिप्टो का भविष्य भारत से बाहर है?

आज कई भारतीय क्रिप्टो स्टार्टअप्स, जैसे:

  • Polygon

  • Instadapp

  • Arcana Network

  • Persistence

ने अपने हेडक्वार्टर सिंगापुर, दुबई या यूरोप में शिफ्ट कर दिए हैं। वहां उन्हें:

  • बेहतर पॉलिसी

  • कम टैक्स

  • और टेक्नोलॉजी फ्रेंडली माहौल मिलता है


🎖️ जिन्हें मिलना चाहिए था राष्ट्रीय सम्मान, वो हो रहे हैं देश निकाला

भारतीय युवा जो अपने हुनर से दुनिया में भारत का नाम ऊंचा कर रहे थे, वही आज:

"Forced To Leave India Due to Government Crypto Policy"

अगर यही स्थिति रही, तो अगला यूनिकॉर्न भारत में नहीं, विदेश में पनपेगा। सरकार को तुरंत इस पर नीति बनानी चाहिए, वरना देर हो जाएगी।


📢 निष्कर्ष: क्रिप्टो पर नियंत्रण नहीं सहयोग चाहिए

आज जरूरत है:

  • स्मार्ट रेगुलेशन की, न कि अंधे टैक्स की

  • स्टार्टअप फ्रेंडली माहौल की, न कि संदेह और डर का

  • क्रिप्टो शिक्षा को बढ़ावा देने की, न कि अपराध बताने की

अन्यथा, भारत का डिजिटल भविष्य सिर्फ “डिजिटल इंडिया” का नारा बनकर रह जाएगा।


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