अब फर्जीवाड़े पर लगेगा ब्रेक – पूरे देश में शुरू होगी ऑनलाइन जमीन रजिस्ट्री प्रणाली!

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अब फर्जीवाड़े पर लगेगा ब्रेक – पूरे देश में शुरू होगी ऑनलाइन जमीन रजिस्ट्री प्रणाली!

अब फर्जीवाड़े पर लगेगा ब्रेक – पूरे देश में शुरू होगी ऑनलाइन जमीन रजिस्ट्री प्रणाली!


Online Land Registry 2025 Update:
"ज़मीन तो बाप-दादा की थी..." – ये डायलॉग अब कोर्ट-कचहरी तक नहीं पहुंच पाएगा, क्योंकि अब ज़मीन की रजिस्ट्री होगी पूरी तरह ऑनलाइन। केंद्र सरकार ने जमीन से जुड़े विवादों को खत्म करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 2025 के अंत तक पूरे देश में डिजिटल जमीन रजिस्ट्री प्रणाली लागू करने की तैयारी है।


✅ क्यों जरूरी है ऑनलाइन जमीन रजिस्ट्री?

भारत में हर साल हज़ारों ज़मीन विवाद सामने आते हैं – कहीं एक ही ज़मीन दो लोगों के नाम, तो कहीं बिना मालिक की जानकारी के ही रजिस्ट्री हो जाना। ऑनलाइन रजिस्ट्री सिस्टम से ऐसे मामलों पर रोक लगेगी और सिस्टम अधिक पारदर्शी तथा सुरक्षित बनेगा।


🏁 शुरुआत हो चुकी है

कुछ राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस डिजिटल रजिस्ट्री को शुरू कर दिया गया है, जैसे:

  • महाराष्ट्र

  • मध्य प्रदेश

  • आंध्र प्रदेश

  • उत्तर प्रदेश

यहां के नतीजे बेहद सकारात्मक रहे हैं। अब केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इसे सभी राज्यों में लागू करने जा रही हैं।


🌐 ऑनलाइन रजिस्ट्री के फायदे

1. बिना दलाल के रजिस्ट्री

अब न बिचौलिए की जरूरत, न किसी ऑफिस के चक्कर। घर बैठे मोबाइल या लैपटॉप से रजिस्ट्री संभव।

2. पारदर्शिता और ट्रैकिंग

हर लेन-देन की पूरी जानकारी – कौन खरीद रहा है, कौन बेच रहा है, कीमत क्या है – सबकुछ सरकारी पोर्टल पर ट्रैक होगा।

3. फर्जीवाड़े से सुरक्षा

अब आधार, पैन और OTP आधारित पहचान से कोई भी धोखाधड़ी करना मुश्किल हो जाएगा।

4. बुजुर्गों और दूरदराज के लोगों को राहत

अब उन्हें रजिस्ट्री के लिए बार-बार ऑफिस जाने की जरूरत नहीं। महिलाएं, बुजुर्ग और विकलांग व्यक्ति भी आसानी से ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे।


🧾 ऑनलाइन जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया

सरकार एक साझा पोर्टल तैयार कर रही है, जिसमें निम्नलिखित स्टेप्स होंगे:

  1. लॉगिन: खरीदार और विक्रेता पोर्टल पर लॉगिन करेंगे।

  2. पहचान सत्यापन: आधार/पैन/OTP से ई-केवाईसी।

  3. दस्तावेज अपलोड: जमीन से संबंधित सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करना।

  4. फीस और स्टांप ड्यूटी का भुगतान ऑनलाइन।

  5. ई-साइन और ई-रजिस्ट्री के माध्यम से प्रक्रिया पूरी।


🔐 डेटा सुरक्षा और कानूनी वैधता

ऑनलाइन रजिस्ट्री सिस्टम पूरी तरह डिजिटल ट्रैकिंग और डाटा एन्क्रिप्शन से लैस होगा। हर दस्तावेज का डिजिटल रिकॉर्ड कोर्ट में मान्य होगा। इससे कोई भी फर्जी रजिस्ट्री आसानी से ट्रेस की जा सकेगी।


🛠️ बदलाव की दिशा में एक कदम

यह केवल तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि एक सोच में बदलाव है। वर्षों से चली आ रही जमीन रजिस्ट्री की परंपरा अब टेक्नोलॉजी के साथ आधुनिक हो रही है। इससे:

  • भ्रष्टाचार में भारी कमी आएगी

  • समय, पैसा और ऊर्जा की बचत होगी

  • देश भर में एक समान प्रक्रिया लागू होगी


📅 क्या है सरकार की योजना?

सरकार का लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक यह प्रणाली पूरे भारत में लागू हो जाए। कुछ राज्यों में इसके तहत लोगों का विश्वास बढ़ा है और भ्रष्टाचार में 60% तक कमी दर्ज की गई है।


📝 निष्कर्ष

जमीन से जुड़ा हर फैसला व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है – चाहे वह किसान हो, व्यापारी या आम नागरिक। ऑनलाइन जमीन रजिस्ट्री न केवल एक सुविधा है, बल्कि एक सुरक्षित, पारदर्शी और जिम्मेदार शासन प्रणाली की ओर बड़ा कदम है। भारत अब डिजिटल बदलाव की उस राह पर है जहां फर्जीवाड़े की कोई जगह नहीं बचेगी।


🔎 डिस्क्लेमर:
इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न सरकारी घोषणाओं, मीडिया रिपोर्ट्स और आधिकारिक वेबसाइट्स पर आधारित है। कृपया किसी भी अंतिम निर्णय से पहले संबंधित विभाग या पोर्टल से पुष्टि अवश्य करें। यह लेख केवल जन जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है।


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