Ratan tata ने मिडिल क्लास लोगो के लिए देखा था सपना 86th जन्म दिन के पहले फिर पूरा होने जा रहा है TATA Nano का सपना

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Ratan tata ने मिडिल क्लास लोगो के लिए देखा था सपना 86th जन्म दिन के पहले फिर पूरा होने जा रहा है TATA Nano का सपना



Ratan tata ने मिडिल क्लास लोगो के लिए देखा था सपना 86th जन्म दिन के पहले फिर पूरा होने जा रहा है TATA Nano का सपना मैं अक्सर लोगों को अपनी फैमिली के साथ स्कूटर पर जाते देखता था। स्कूटर पर बच्चे अपने पिता- माता के बीच सैंडविच की तरह बैठे दिखते थे। यहीं से मुझे कार बनाने की प्रेरणा मिली।ये सोच उस शख्स की है, जिसने देश को लखटकिया कार का सपना दिखाया और नैनो के जरिए इसको साकार भी कर दिया। यह सपना सच तो हुआ लेकिन इसे सफलता नहीं मिल सकी।

Ratan tata ने मिडिल क्लास लोगो के लिए देखा था सपना 86th जन्म दिन के पहले फिर पूरा होने जा रहा है TATA Nano का सपना

जी हां, हम बात कर रहे हैं नमक से सॉफ्टवेयर तक बनाने वाले टाटा समूह के मुखिया रतन टाटा की। दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 में मुंबई में हुआ था और अब 85 साल के हो गए हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे रतन टाटा ने मिडिल क्लास के लिए इस सपने को देखा और यह बाद में बिखर गया। साल 2008 में दिखी झलक ऑटो एक्सपो 2008 में रतन टाटा ने पहली बार टाटा नैनो की झलक दुनिया को दिखाई। साल 2009 में टाटा मोटर्स कंपनी की टाटा नैनो सड़कों पर दिखने लगी। इस कार की कीमत एक लाख रुपये रखी गई थी। यह हर तरफ लखटकिया और गरीबों की कार के तौर पर पहचान बनाने लगी। हालांकि, कुछ साल में यह कार मार्केट से गायब होने लगी और नौबत ये गई कि कंपनी ने प्रोडक्शन कम कर दिया। वहीं, BS-IV उत्सर्जन मानदंड लागू होने के बाद नैनो कार को बंद करने का फैसला किया गया।

एक इंस्टाग्राम पोस्ट में रतन टाटा ने नैनो को लेकर किस्सा साझा किया

Ratan tata ने मिडिल क्लास लोगो के लिए देखा था सपना 86th जन्म दिन के पहले फिर पूरा होने जा रहा है TATA Nano का सपना खुद किया था याद बीते दिनों अपने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में रतन टाटा ने नैनो को लेकर किस्सा साझा किया था। रतन टाटा ने बताया था- मैं डूडल बनाते हुए अकसर सोचता था कि बाइक ही सुरक्षित हो जाए तो सही रहेगा। ऐसा सोचते-सोचते मैंने एक कार का डूडल बनाया, जो एक बग्गी जैसा दिखता था। इसके बाद मुझे कार बनाने का आइडिया आया और फिर आम लोगों के लिए टाटा नैनो लेकर आए। यह कार हमारे आम लोगों के लिए थी।

Ratan tata ने मिडिल क्लास लोगो के लिए देखा था सपना 86th जन्म दिन के पहले फिर पूरा होने जा रहा है TATA Nano का सपना

Ratan tata ने मिडिल क्लास लोगो के लिए देखा था सपना 86th जन्म दिन के पहले फिर पूरा होने जा रहा है TATA Nano का सपना हमारे लोगों का मतलब उस जनता से है जो कार के सपने देखती है, लेकिन खरीदने में सक्षम नहीं है। हालांकि, रतन टाटा का यह सपना सच होकर भी बुरी तरह बिखर गया। टाटा नैनो के नाकाम होने की वजह इसके टैग को माना गया। तमाम एक्सपर्ट यह मानते हैं कि लोगों ने गरीबों की कार के टैग या लखटकिया कार के नाम को हीन भावना से जोड़ कर देखा। यही वजह है कि नैनो कार फ्लॉप हो गई।

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